मॉस्को । रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन और उनके चीनी समकक्ष शी जिनपिंग ने सोमवार को एक ऐतिहासिक पाइपलाइन की लॉन्चिंग के साक्षी बने। साइबेरिया से उत्तर-पूर्व चीन में प्राकृतिक गैस का परिवहन करने वाली इस पाइप लाइन की लॉन्चिंग से मास्को और बीजिंग के बीच आर्थिक और राजनीतिक संबंधों को बढ़ावा मिलेगा। पावर ऑफ साइबेरिया पाइपलाइन के माध्यम से गैस का प्रवाह शुरू होने बाद रूस को पश्चिमी देशों की तरफ से लगाए गए आर्थिक प्रतिबंधों से कुछ हद तक राहत मिलेगी। बताते चलें कि यूक्रेन के क्रीमिया पर साल 2014 में कब्जा करने बाद रूस पर अमेरिका सहित पश्चिमी देशों ने वित्तीय प्रतिबंध लगा दिए थे।
यह कदम रूस के शीर्ष निर्यात बाजार के रूप में चीन के स्थान को मजबूत करता है और रूस को यूरोप के बाहर संभावित रूप से बहुत बड़ा नया बाजार मुहैया कराएगा। यह कदम ऐसे समय में उठाया गया है जब मॉस्को दो अन्य प्रमुख ऊर्जा परियोजनाओं - नोर्ड स्टीम 2 अंडरसी बाल्टिक गैस पाइपलाइन को जर्मनी और तुर्की व दक्षिणी यूरोप को तुर्कस्ट्रीम पाइपलाइन को लॉन्च करने की उम्मीद कर रहा है।
3,000 किमी लंबी पावर ऑफ साइबेरिया पाइपलाइन पूर्वी साइबेरिया के चायन्डिन्सकोये और कोवयात्का फील्ड से गैस का परिवहन करेगी। इस परियोजना के तीन दशकों तक चलने की उम्मीद है और रूस के लिए 400 अरब डॉलर का उत्पादन करेगी। सोची के रूसी ब्लैक सी रिसॉर्ट से वीडियो लिंक के जरिये लॉन्चिंग को देखने वाले पुतिन ने कहा- यह परियोजना न केवल वैश्विक ऊर्जा बाजार के लिए, बल्कि रूस और चीन के लिए सबसे ऊपर है। यह वास्तव में एक ऐतिहासिक कदम है।
यह कदम ऊर्जा के लिए गुणात्मक नए स्तर पर रूसो-चीनी रणनीतिक सहयोग को बढ़ाता है और हमें साल 2024 तक द्विपक्षीय व्यापार को 200 अरब डॉलर तक ले जाने के लिए चीनी नेता शी जिनपिंग के साथ मिलकर कार्य को पूरा करने के लिए करीब लाता है। इस पाइप लाइन के जरिये रूस से गैस खरीदने वाला चीन दूसरा बड़ा देश बन जाएगा, जिसे साल 2025 तक 38 अरब घन मीटर गैस की आपूर्ति की जाएगी। बताते चलें कि रूस से गैस खरीदने के मामले में जर्मनी पहले नंबर पर है, जिसने पिछले साल रूस से 58.50 अरब घन मीटर गैस खरीदी थी।
बताते चलें कि मॉस्को ने पश्चिमी और मध्य यूरोप को 1950 के दशक में प्राकृतिक गैस की आपूर्ति करना शुरू किया था। यूरोप लंबे समय से रूस की प्राकृतिक गैस का प्रमुख उपभोक्ता है, जिसकी कुल वार्षिक आपूर्ति लगभग 200 अरब घन मीटर है। नई पाइपलाइन में रूसी गैस के लिए चीन कितनी कीमत चुका रहा है, इसे गुप्त रखा गया है।